Sunday 15 June 2014

मासूमियत तुझमे है पर तू इतनी मासूम भी नहीं,

की मैं तेरे कब्जे में हूँ और तुझे मालूम भी नहीं...

ताश के पत्तो में इक्का और
ज़िन्दगी में सिक्का..........
जब चलता हे ना .... तो दुनिया
सलाम करती हे साहेब...

रात बड़ी मुश्किल से खुद को सुलाया है मैंने; ♡♥♡
अपनी आँखों को 'तेरे ख्वाब' का लालच देकर।

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